अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, क्या आप भी Namaz ke Baad ki Dua In Hindi के बारे में सर्च कर रहे है, तो आप सिर्फ अकेले नहीं है। बलके आपके जैसे बहुत लोग है, जो नमाज़ की दुआ की तलाश में है।
नमाज़, मुसलमानों के लिए अल्लाह से जुड़ने और उसके करीब आने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। नमाज़ के बाद की दुआ, इस इबादत को और अधिक खास बनाती है। आइए जानते हैं कि नमाज़ के बाद हम किन दुआओं का पाठ कर सकते हैं और इनकी अहमियत क्या है।
Namaz ke Baad ki Dua
नमाज़ के बाद, जब हम सजदे से उठते हैं, तो हमारे दिल अल्लाह की बंदगी से भरे होते हैं। इस पवित्र पल में, हम अपनी सभी गुज़ारिशें और मन्नतें अल्लाह के सामने रखते हैं। आइए इस ब्लॉग पोस्ट में नमाज़ के बाद पढ़ी जाने वाली कुछ खास दुआओं के बारे में विस्तार से जानें।
दोस्तों आप लोगो पहले ही बता दू की नमाज़ की दुआ एक नहीं है। बलके बहुत सारे है लेकिन यहाँ पर वह दुआ बताने जा रहा हूँ। जो काफी मशहूर है जिसको किसी भी नमाज़ के बाद पढ़ा जाता है।
इस दुआ को सिखाने के लिए सिर्फ अरबिक में यह दुआ नहीं दिया गया है। बलके हिंदी और रोमन इंग्लिश में भी दिया गया है। जिसको अरबिक पढ़ना नहीं आता है वह शख्स इंग्लिश या हिंदी में पढ़ सकता है।
Namaz ke Baad ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्म अन्तस्सलाम व मिन कस्सलाम व इलै क यराजिउ स्सलाम फहैयिना रब्बना बिस्सलाम वअदखिल ना दारस्सलाम व तबारक त रब्बना वतआलै त या जलजलालि वल इकराम।
Namaz ke Baad ki Dua In Roman English
Allahumma Antas Salam wa minkas Salam wa ilayka yarji’us salam fahayyina Rabbana bis salam wa adkhilna daraka daras salam tabarakta Rabbana wa ta’alayta Ya Dhal Jalali wal Ikram
Har Namaz ke Baad ki Dua
दोस्तों यह सबसे छोटा दुआ है। जो ऊपर बताया हुआ दुआ है यह उसी का छोटा दुआ है। जो हर नमाज़ फ़र्ज़ हो या सुन्नत यही पढ़ा जाता है।
Hindi:- अल्लाहुम्मा अंतस्सलाम व मिनकस्लासम तबारकत या ज़लज़लाली वल इकराम
तर्जुमा:- ए अल्लाह तू सलामती वाला है, और तेरी तरफ ही सलामती है, तू बा-बरकत है, ए बुजुर्गी और इज्जत वाले।
English:- Allahumma Antas-Salam wa minkas-salam. Tabarakta ya Dhal-jalali wal- ikram.
नमाज़ के बाद की दुआएं, इस्लाम के उन महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक हैं जिनके बारे में हर मुसलमान को जानना चाहिए। ये दुआएं न केवल हमारे दिलों को शांति देती हैं बल्कि हमें अल्लाह के करीब लाने में भी मदद करती हैं।
दोस्तों मुझे उम्मीद है की यह लेख आप सभी हजरत को बेहद पसंद आया होगा। जिसमे नमाज़ के बाद की दुआ बताया गया है।
जिस तरह यह दुआ को याद किया उसी तरह अज़ान के बाद की दुआ भी याद करना चाहिए, क्युकी रात और दिन में पांच बार अज़ान होती है।
जिस शख्स को नमाज़ के बाद दुआ में क्या पढ़ना है उसके लिए यह पोस्ट बहुत कारगर साबित हुआ होगा। खुदा हाफिज!!