अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातहु, कियमत का दिन इंसान की जिंदगी का सबसे अहम पल होता है। इस दिन हर इंसान को अपने किए हुए अमलों का हिसाब देना होता है। इसीलिए इस्लाम में Janaze ki Dua और नमाज़ को बहुत अहमियत दी गई है। जनाज़े की नमाज़ एक मुस्लिम के लिए उसका आखिरी फर्ज़ होता है जिसे अदा करके हम अपने मृतक भाई या बहन के लिए दुआ करते हैं।
आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम जनाज़े की दुआ के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। हम जानेंगे कि बालिग मर्द और औरत की जनाज़े की दुआ क्या होती है? इसका क्या महत्व है? और इसे कैसे अदा किया जाता है?
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप जनाज़े की दुआ के बारे में पूरी तरह से वाकिफ हो जाएंगे और इसे अदा करने में सक्षम हो जाएंगे।
balig Mard w Aurat ki Janaze ki Dua
आज की दुआ काफी बड़ा है। इसीलिए आप सभी से गुजारिश है की इसको धयान से याद करना है। जिसके लिए अरबिक के अलावा हिंदी और रोमन इंग्लिश में भी लिखा गया है, जिससे उच्चारण करने में किसी भी किस्म की गलती ना हो पाए।
नाज़रीन जब आप लोग किसी भी मय्यत के जनाज़े में जाए तो जनाज़े की नमाज़ से पहले मालूम करे की यह जनाज़े किसकी है और मालूम करने पर पता चले की बालिग मर्द या औरत की है तो यह दुआ पढ़े:
Janaze ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मग़ फ़िर लि हय्यिना वमय्यितिना वशाहिदिना वग़ाइबिना व सग़ीरिना व कबीरिना व ज़करि ना वउन्साना। अल्लाहुम्म मन अहययतहू मिन्ना फ़ अहयिही अलल इस्लाम, वमन् तवफ़्फ़ै तहू मिन्ना फ़ तवफ़्फ़हू अलल ईमान
जनाज़े की दुआ तर्जुमा के साथ
तर्जुमा :- इलाही! बख़्श दे हमारे हर जि़न्दा को और हमारे हर फ़ौत शुदा को और हमारे हर ह़ाजि़र को और हमारे हर ग़ाइब को और हमारे हर छोटे को और हमारे हर बड़े को और हमारे हर मर्द को और हमारी हर औरत को। इलाही! तू हम में से जिस को जि़न्दा रखे तो उस को इस्लाम पर जि़न्दा रख और हम में से जिस को मौत दे तो उस को ईमान पर मौत दे। (अल मुस्तदरक लिलहाकिम हदीस 1366)
Janaze ki Namaz ki Dua In Roman Eng
Allaahum-maghfir lihayyinaa, wa mayyitinaa, wa shaahidinaa, wa ghaa’ibinaa, wa sagheerinaa wa kabeerinaa, wa thakarinaa wa ‘unthaanaa. Allaahumma man ‘ahyaytahu minnaa fa’ahyihi ‘alal-‘Islaami, wa man tawaffaytahu minnaa fatawaffahu ‘alal-‘eemaani
अगर किसी को ऊपर दिए गए तीनो Janaze ki Dua याद नहीं है तो याद करे लेकिन याद नहीं हो रहा है तो ये दुआ पढ़े:
अल्लाहुम्मग़ फिरली मुअ’मिनिना वल मुअ मिनात
निष्कर्ष
जनाज़े की दुआ एक ऐसा अमल है जिसे हर मुस्लिम को अदा करना चाहिए। यह न केवल मृतक के लिए बल्कि दुआ करने वाले के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आइए हम सभी मृतकों के लिए अल्लाह से माफ़ी और जन्नत की दुआ करें।
दोस्तों मुझे उम्मीद है की बालिग मर्द व औरत की Janaza ki Dua आप सभी हज़रात से याद कर लिया होगा। जिसमे अलग अलग भाषा के साथ इस दुआ को याद कराने की कोशिश किया गया है।
नाज़रीन इसके अलावा इन्तेकाल की दुआ सीखना बहुत जरुरी है, क्युकी जब भी हम लोगो को किसी शख्स का मरने का खबर मिले तो ये दुआ पढ़ा जाता है।
अल्लाह ताला हम सभी को इस्लाम की सही समझ और अमल करने की तौफीक अता करे।
आमीन
अगर आप जनाज़े की दुआ के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो आप किसी मुफ्ती या अलीम से भी संपर्क कर सकते हैं।