अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, आज की पोस्ट में Ghar me Dakhil Hone ki Dua बताने जा रहा हूँ। जिस तरह से पिछले पोस्ट में Ghar se Nikalne ki Dua के बारे में बताया था।
एक व्यस्त दिन के बाद, आप घर लौटते हैं। थकान से आपके कदम थम जाते हैं, लेकिन जैसे ही आप दरवाजे का हैंडल पकड़ते हैं, आपको एक शांति का एहसास होता है। घर, एक ऐसी जगह जहाँ आप सुरक्षित महसूस करते हैं, एक ऐसी जगह जहाँ आप खुद हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी पल, इसी घर में दाखिल होते समय, एक ऐसी दुआ है जो आपके जीवन में खुशहाली और बरकत ला सकती है? “Ghar me Dakhil Hone ki Dua” एक ऐसी दुआ है जो सदियों से मुसलमानों द्वारा पढ़ी जाती रही है और आज भी इसकी अहमियत बरकरार है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम “Ghar me Dakhil Hone ki Dua” के बारे में विस्तार से जानेंगे। हम समझेंगे कि इस दुआ का क्या अर्थ है, इसे क्यों पढ़ा जाता है, और इसे पढ़ने से हमें क्या फायदे होते हैं। साथ ही, हम कुछ ऐसी दिलचस्प बातें भी जानेंगे जो शायद आप पहले नहीं जानते हों।
Ghar me Dakhil Hone ki Dua
नाज़रीन घर में दाखिल होते वक़्त अल्लाह ता’अला का ज़िक्र करना चाहिए और ज़िक्र करने का क्या फायदा होगा तो हुजुर सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने इरसाद फ़रमाया की “जब कोई शख्स घर में दाखिल होते वक़्त और खाना खाते वक़्त अल्लाह का ज़िक्र करे तो शैतान अपने साथियों से कहता है की तुम अब इस घर में ना रह सकते हो और तुम्हारे लिए यहाँ पर खाना है।” (मुस्लिम शरीफ)
अब आप यह सोच रहे होंगे की जब जब घर में दाखिल होंगे तब तब यह दुआ पढ़ना होगा लेकिन यह दुआ तो पढ़ना मुश्किल होगा तो जी हाँ शुरू शुरू में मुश्किल होगा लेकिन जब यह आदत हो जायेगा तो आसान लगने लगेगा।
Ghar Me Dakhil Hone ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलुका खैरल मौलजी वा खैराल मखरजी बिस्मिल्लाही वलजना व बिस्मिल्लाहि खराजना व अलल्लाही रब्बिना तवक्कलना।
घर में दाखिल होने की दुआ का तर्जुमा
अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलुका खैरल मौलजी वा खैराल मखरजी बिस्मिल्लाही वलजना व बिस्मिल्लाहि खराजना व अलल्लाही रब्बिना तवक्कलना।
Ghar me Dakhil Hone ki Dua in Roman English
Allahumma innee as’aluka khairal maulaji wa khairal makhraji bismillahi walajnaa wa bismillahi kharajnaa wa alallahi rabbina tawakalna.
घर में दाखिल होने की दुआ का महत्व
इस्लाम में घर को सिर्फ रहने की जगह नहीं, बल्कि एक ऐसी पवित्र जगह माना जाता है जहां व्यक्ति आराम करता है, परिवार के साथ समय बिताता है और ईश्वर की इबादत करता है। इसलिए, घर में दाखिल होते समय कुछ विशेष दुआओं को पढ़ने का रिवाज है। ये दुआएं न केवल व्यक्ति को मन की शांति देती हैं बल्कि घर को बुरे नजर और शैतान से भी बचाती हैं।
“घर में दाखिल होने की दुआ” पढ़ने के कई फायदे हैं:
- रहमत और बरकत: यह दुआ घर में रहमत और बरकत लाती है। इससे परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और भाईचारा बढ़ता है।
- सुरक्षा: यह दुआ घर को बुरी नजर और शैतान से बचाती है। यह घर को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करती है।
- ईमान का इज़हार: इस दुआ को पढ़कर व्यक्ति अपनी ईमानदारी का इज़हार करता है और अल्लाह पर भरोसा दिखाता है।
- सुननत पर अमल: यह दुआ पढ़ना हमारे पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की सुन्नत पर अमल करना है।
क्यों पढ़ें घर में दाखिल होने की दुआ?
- घर को पवित्र बनाना: यह दुआ घर को पवित्र बनाती है और इसे शैतान के प्रभाव से बचाती है।
- मन की शांति: यह दुआ मन को शांत करती है और तनाव को कम करती है।
- अल्लाह के करीब आना: इस दुआ को पढ़कर व्यक्ति अल्लाह के करीब आता है और उसकी रहमत और बरकत प्राप्त करता है।
- अच्छी आदत डालना: यह दुआ पढ़ना एक अच्छी आदत है जो व्यक्ति को जीवन भर साथ रहती है।
“घर में दाखिल होने की दुआ” पढ़ना एक बेहद महत्वपूर्ण अमल है। यह न केवल व्यक्ति के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए फायदेमंद है। इस दुआ को नियमित रूप से पढ़ने से हमारा ईमान मजबूत होता है, हमारा घर खुशहाल होता है और हम अल्लाह की रहमत और बरकत प्राप्त करते हैं।
आज आपने क्या सीखा
नाज़रीन मुझे उम्मीद है की, आप सभी को Ghar me Dakhil Hone ki Dua पसंद आया होगा। जिसमे यह सीखने को मिला की इस दुआ को पढ़ने से शैतान से महफूज़ रहते है।
और इस दुआ को अच्छी तरह से सीखने के लिए इसको तिन भाषा में लिखा गया है सबसे पहला अरबी जिसमे कुरान लिखा गया है फिर हिंदी, इंग्लिश।
नाज़रीन इस्लाम में हिफाज़त के हवाले से बहुत सारे दुआ बताया गया है जो अलग अलग मौके पर पढ़ा जाता है जैसे कुछ दुआ ऊपर बताया गया है।