अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आज की पोस्ट में Inteqal ki Dua बताने जा रहा हूँ। कभी किसी करीबी के जाने का गम ऐसा होता है कि जैसे दुनिया थम सी गई हो। उस पल दिल में सिर्फ एक ही सवाल होता है, ‘अब क्या करूँ?’ ऐसे वक्त में, ईमान की रोशनी ही हमें आगे बढ़ने की ताकत देती है।
इस्लाम हमें सिखाता है कि मौत एक हकीकत है और हर किसी को एक दिन इस दुनिया से जाना है। लेकिन, इस मुश्किल घड़ी में हम किस तरह अपने अल्लाह से मदद मांग सकते हैं?
आइए आज हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानेंगे कि इंतकाल की दुआएँ पढ़कर हम अपने आप को और अपने मरहूमों को कैसे सवाब दे सकते हैं।
Inteqal ki Dua
मौत एक ऐसा सच है, जिससे कोई नहीं बच सकता। जब कोई करीबी हमसे जुदा होता है, तो हम अक्सर अकेलापन और बेबसी महसूस करते हैं। इस्लाम हमें इस मुश्किल घड़ी में भी सहयोग देने के लिए कई दुआएँ सिखाता है।
इन दुआओं के माध्यम से हम अपने मरहूमों के लिए अल्लाह से माफी और रहमत की दुआ कर सकते हैं।
आइए जानते हैं कि इंतकाल की दुआएँ कौन-कौन सी हैं और इन्हें किस तरह पढ़ा जाता है।
इन्तेकाल की दुआ उस वक़्त पढ़ा जाता है, जब आपको बताया जाए की फलां शख्स की मौत हो गयी या इन्तेकाल की गयी तो उसी वक़्त निचे दिया हुआ दुआ को पढ़े।
Inteqal ki Dua In Hindi
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजि-ऊन
इन्तेक़ाल की दुआ तर्जुमा के साथ
हम तो अल्लाह के है और हम उसी की तरफ लौट कर जाने वाले है।
Inteqal ki Dua in Roman English
Inna Lillahi Wa Inna Ilayhi Raji’un
नाज़रीन Qabristan Mein Dakhil Hone ki Dua के साथ जनाज़ा की दुआ भी जरुर याद कर लेना चाहिए। यह हमेशा काम आने वाली अज्कार है।
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आज क्या सीखा
एक बार एक बुजुर्ग ने अपने पोते से कहा, ‘बेटा, जब कोई प्रियजन दुनिया से चला जाए तो दुख होना लाज़मी है। लेकिन याद रखना, हमारी दुआएँ उन्हें शांति दे सकती हैं।’ पोते ने पूछा, ‘दादा, ऐसी कौन सी दुआएँ हैं जो हम पढ़ सकते हैं?’ बुजुर्ग मुस्कुराए और बोले, ‘बेटा, इंतकाल की दुआएँ।
ये दुआएँ हमें अल्लाह से करीब लाती हैं और हमें इस मुश्किल घड़ी में संबल देती हैं। दोस्तों आज की पोस्ट सबसे महतवपूर्ण बाते यानि Inteqal ki Dua को सीखा जो सभी मुसलमानों के लिए बहुत जरुरी है। यह Maut ki Dua कब पढ़ा जाता है? तो इसका आसान जवाब यह है की आपको जब खबर मिले उसी वक़्त अपने जुबान से चंद अल्फाज़ पढ़ ले जो ऊपर बताया गया है।
हमारी यही कोशिश होती है की इस पोस्ट के माध्यम से सभी मुस्लमान या नॉन मुस्लमान भाई और बहनों को इस्लाम के बारे में सही जानकारी प्रदान करना।
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