अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, क्या आप भी गूगल पर Istikhara ki Dua तलाश कर रहे हो, और कही पर भी अरबिक, हिंदी और रोमन इंग्लिश में एक साथ कही नही मिल रहा है। तो आपका सर्च यहाँ पर खत्म हुआ।
कितनी बार हम ज़िंदगी के मोड़ पर खड़े होकर फ़ैसले लेने में उलझ जाते हैं? कौन सा रास्ता सही है, कौन सा गलत? ऐसे वक्त में हमारा सबसे बड़ा सहारा है – इस्तिखारा। आइए, आज हम इस्तिखारा की दुआ के बारे में विस्तार से जानें और समझें कि कैसे यह दुआ हमें सही रास्ता दिखा सकती है।
Istikhara ki Dua
हर मुसलमान के दिल में एक अरमान होता है कि वह हर काम अल्लाह की रज़ा के लिए करे। लेकिन कई बार हमें यह तय करने में मुश्किल होती है कि कौन सा रास्ता हमें अल्लाह की ओर ले जाएगा। इसीलिए हमारे पास है इस्तिखारा की दुआ – एक ऐसी दुआ जो हमें अल्लाह से सही मार्गदर्शन मांगने का मौका देती है।
इस्तिखारा की दुआ को पढ़ने का तरीका यह है की सबसे पहले 2 रकात नफिल नमाज़ अदा करे उसके बाद निचे बताये हुए दुआ को पढ़े:
اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْتَخِيرُكَ بِعِلْمَكَ، وَأَسْتَقْدِرُكَ بِقُدْرَتِكَ، وَأَسْأَلُكَ مِنْ فَضْلِكَ الْعَظِيمِ، فَإِنَّكَ تَقْدِرُ وَلَا أَقْدِرُ، وَتَعْلَمُ، وَلَا أَعْلَمُ، وَأَنْتَ عَلَّامُ الْغُيُوبِ، اللَّهُمَّ إِنْ كُنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ هَذَا الْأَمْرَ- خَيْرٌ لِي فِي دِينِي وَمَعَاشِي وَعَاقِبَةِ أَمْرِي- عَاجِلِهِ وَآجِلِهِ- فَاقْدُرْهُ لِي وَيَسِّرْهُ لِي ثُمَّ بَارِكْ لِي فِيهِ، وَإِنْ كُنْتَ تَعْلَمُ أَنَّ هَذَا الْأَمْرَ شَرٌّ لِي فِي دِينِي وَمَعَاشِي وَعَاقِبَةِ أَمْرِي- فَاصْرِفْهُ عَنِّي وَاصْرِفْنِي عَنْهُ وَاقْدُرْ لِيَ الْخَيْرَ حَيْثُ كَانَ ثُمَّ أَرْضِنِي بِهِ
Istikhara ki Dua In Hindi
अल्लाहुम म इन्नी अस्तख़ी रू-क बि अिल्म-क व अस्तकि़्दरू-क बि कु़द्रति-क व अस्अलु-क मिन फ़ज़ि्ल-कल अजी़मि फ़ इन-न-क तकि्दरू व ला अकि़्दरू व तअ़लमु व ला अअ्लमु व अन-त अल्लामुल ग़ुयूबि अल्लाहुम-म इन कुन-त तअ्लमु अन-न हाज़ल अम-र खै़रूल्ली फी़ दीनी व मआशी व आक़िबति अम्री फ़क़ि्दरहु ली व यस्सिरहु ली सुम-म बारिक ली फ़ीहि व।
इन कुन-त तअ्लमु अन-न हाज़ल अम-र शर्रूल-ली फ़ी दीनी व मआशी व आक़िबति अमरी फ़स् -रिफ़हु अन्नी वसि्रफ़्नी अन्हु वकि्दर लि-यल खै-र हैसु का-नर सुम अर्जिनी बिही।
इस्तखारा की दुआ का तर्जुमा
इस्तिख़ारा की दुआ का तर्जुमा हिन्दी में – ऐ अल्लाह, मैं तेरे इल्म के ज़रिए तुझ से भलाई मांगता हूं और तेरी कु़दरत के जरिए तुझसे कु़दरत तलब करता हूं और तेरे बड़े फज़ल का तुमसे सवाल करता हूं, क्योंकि बेशक तुझे कु़दरत है और मुझे कु़दरत नहीं है और तू जानता है, और मैं नहीं जानता और तू गैबों का खूब मानने वाला है।
ऐ अल्लाह, अगर तेरे इल्म में मेरे लिए यह काम तेरी दुनिया और आख़िरत में बेहतर है, तू उसको मेरे लिए मुकद्दर फ़रमा, फिर मेरे लिए उसमें बरकत फ़रमा और अगर तेरे इल्म में मेरे लिए यह काम मेरी दुनिया व आख़िरत में बुरा है, तो उसको मुझ से और मुझको उससे दूर फ़रमा और मेरे लिए भलाई मुकद्दर फ़रमा, जहां कहीं भी हो फिर उस पर मुझे राज़ी फ़रमा।
Istikhara ki Dua In Roman English
Allaahumma ‘innee ‘astakheeruka bi’ilmika, wa ‘astaqdiruka biqudratika, wa ‘as’aluka min fajhilikal-‘Adheemi, fa’innaka taqdiru wa laa ‘aqdiru, wa ta’lamu, wa laa ‘a’lamu, wa ‘Anta ‘Allaamul-Ghuyoob, Allaahumma ‘in kunta ta’lamu ‘anna haazal-‘amra Khayrun lee fee deenee wa ma’aashee wa ‘aaqibati ‘amree Faqdurhu lee wa yassirhu lee summa baarik lee feehi,
wa ‘in kunta ta’lamu ‘anna haazal-‘amra sharrun lee fee deenee wa ma’aashee wa ‘aaqibati ‘amree, Fasrifhu ‘annee wasrifnee ‘anhu waqdur liyal-khayra haythu kaana thumma ‘ardhinee bihi.
आखिरी बाते
ज़िंदगी की चुनौतियों का सामना करते हुए हम अक्सर असमंजस में पड़ जाते हैं। ऐसे में हमें एक ऐसे मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है जो हमें सही राह दिखाए। इस्लाम ने हमें इस तरह के मार्गदर्शन के लिए एक खूबसूरत तरीका दिया है – इस्तिखारा।
नाज़रीन मुझे उम्मीद है की हमारी बताई हुई इस्लामिक दुआ यानि dua e istikhara बेहद पसंद आया होगा। जिसकी वजह से अब कभी भी किसी काम में फैसला नहीं कर पा रहे हो तो इस्तिखारा की नमाज़ पढ़ने के बाद इसकी दुआ पढ़ने से फैसला लेने में जरुर मदद मिलेगी।
दोस्तों आप सभी से एक गुजारिश है की मेरे ब्लॉग पर 100 से भी ज्यादा दुआ है. जिसको सीखना चाहिए जैसे की चारो कुल की दुआ, दुआ ऐ क़ुनूत और Azaan ke Baad ki Dua.
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